khoon ki kami me kya khaye raagi flour benefits | खून की कमी को दूर करना है तो खाना शुरू करें रागी का आटा

जब शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्यां में कमी आती है तो इसे ही खून की कमी (एनीमिया) कहा जाता है। खून की कमी होने के साथ ही शरीर कई तरह के रोगों के चपेट में आने लगता है। ऐसे में हर कोई यही जानना चाहता है की khoon ki kami me kya khaye जिसे खून की कमी से होने वाले अनगिनत बीमारियों से बचाव हो सके। वैसे तो कई तरह की खाने की चीजों का सेवन कर हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। इसी कड़ी में रागी का आटा भी खून की कमी को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। आइए जानते हैं Raagi aata benefits के बारे में।

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खून की कमी को दूर करता है रागी का आटा- khoon ki kami me kya khaye 

रागी में आयरन की प्रचुर मात्रा मिलती है। यह आयरन हिमोग्लोबिन के स्तर को बैलेंस करने का काम करता है। ऐसे में वो लोग जिन्हें खून की कमी है उन्हें अपने खाने में रागी को जरूर शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही अंकुरित रागी में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है। जिससे शरीर हीमोग्लोबिन को आसानी से अवशोषित कर पाता है। वहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार महिलाओं को तो अपनी थाली में रागी से बना व्यंजन जरूर शामिल करना चाहिए। दरअसल रागी तेजी से खून बनाने की प्रक्रिया को पूरा करता है और महिलाएं ही सबसे ज्यादा खून की कमी होने की परेशानी का सामना करती हैं। ऐसे में अपनी इस समस्या के हल के रूप में रागी का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

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रागी खाने से सेहत को मिलते हैं अन्य कई लाभ-Raagi aata benefits

प्रोटीन का है अच्छा सोर्स 

रागी प्लांट बेस्ड प्रोटीन का भी अच्छा-खासा सोर्स है। ऐसे में अगर आप शाकाहारी हैं और आपको अपने भोजन से प्रोटीन की प्रचुर मात्रा नहीं मिल पाती तो आपको बिना किसी देरी के अपने खाने में रागी को शामिल कर लेना चाहिए। रागी प्रोटीन की कमी को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए है लाभकारी 

डायबिटीज के मरीजों के लिए रागी के आटे का सेवन रामबाण ईलाज साबित हो सकता है। दरअसल इसमें प्रचुर मात्रा में डाइटरी फाइबर होता है। वहीं गेहूं और चावल की तुलना में इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम मिलता है। इसी वजह से यह शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रख पाता है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है। यह मैग्नीशियम इंसुलिन को काम करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मददगार साबित होता है।

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हड्डियों को देता है मजबूती 

हड्डियों को मजबूती देने में भी रागी का जवाब नहीं है। दरअसल रागी कैल्शियम का नेचुरल सोर्स है। इसी वजह से हर रोज एएक क निश्चित मात्रा में रागी का सेवन बोन डेंसिटी को बढ़ाने का काम करता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलने में आसानी रहती है। डॉक्टर्स बच्चों के खाने में भी रागी का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। अगर आपको भी कैल्शियम की कमी है तो कैल्शियम सप्लीमेंट की जगह एक बार रागी का इस्तेमाल करके जरूर देखें।

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नर्वस सिस्टम के लिए भी फायदेमंद 

रागी का सेवन नर्वस सिस्टम को भी फायदा पहुंचाता है। अगर आप याददाश्त के कमजोर होने की परेशानी का सामना कर रहे हैं तो रागी का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल रागी में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफान की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है। दिमाग में बनने वाले न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन की मात्रा को बैलेंस करने का काम ट्रिप्टोफान ही करता है। इससे नींद नहीं आना, मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और स्ट्रेस को दूर करने में मदद मिलती है।

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वेट लॉस में भी है मददगार

रागी में पाया जाने वाला ट्रिप्टोफैन नामक एमिनो एसिड वजन घटाने में बेहद फायदेमंद साबित होता है। दरअसल ट्रिप्टोफैन भूख को कंट्रोल करने में मदद करता है। जिससे वजन घटाने में सहायता मिल जाती है। साथ ही रागी में फाइबर और प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जिससे कब्ज की समस्या तो दूर होती ही है साथ ही वजन घटाने में भी मदद मिलती है। अगर आप वेट लॉस के लिए रागी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो सुबह के नाश्ते में इसका इस्तेमाल सबसे उपयुक्त रहेगा।

दिल की सेहत को भी रखता है दुरुस्त 

अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने वाले विटामिन बी3 या नियासिन भी रागी में पाए जाते हैं। विटामिन बी3 अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने के साथ ही बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने का भी काम करता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल और सोडियम बिलकुल भी नहीं पाया जाता। जिससे यह दिल की सेहत को भी दुरुस्त रखने का काम करता है और दिल से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भी बचाव करने का काम करता है।

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रागी नेचुरल स्किन केयर एजेंट का भी करता है काम 

रागी एक नेचुरल स्किन केयर एजेंट की तरह भी काम करता है। इसी वजह से बढ़ती उम्र में रागी का इस्तेमाल स्किन को कई तरह के फायदे पहुंचाने का काम करता है। दरअसल रागी में मेथिओनिन (methionine) और लाइसिन (lysine) नाम के दो ऐसे अमीनों एसिड मौजूद हैं। ये दोनों अमीनों एसिड रिंकल्स, फाइन लाइन्स व झाइयों को दूर कर त्वचा के ग्लो को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही रागी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से बचाव करते हैं जिससे स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याओं से राहत मिल पाती है।

मां का दूध बढ़ाने में करता है मदद

ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं के लिए भी रागी बेहद फायदेमंद हैं। इसमें आयरन, प्रोटीन व कैल्शियम की प्रचुर मात्रा मौजूद होने की वजह से यह मां का दूध बढ़ाने में सहायक साबित होता है। ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाएं अगर रात को रागी को भिगो कर रख दें और सुबह नाश्ते में अंकुरित हो चुकी रागी का सेवन करें तो यह मां का दूध बढ़ाने में सहायक साबित होगी। इसके साथ ही रागी महिलाओं के हार्मोन्स को भी बैलेंस करने का काम करते हैं।

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रागी में मिलते हैं ये सभी पोषक तत्व – Ragi Nutrition Value in Hindi

रागी में एक साथ कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसी वजह से यह कई तरह के रोगों से लड़ने के लिए शरीर को शक्ति प्रदान करने का काम करता है। रागी में फाइबर 15-22 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 75-85 ग्राम, प्रोटीन 7-8 ग्राम, वसा 1.8 ग्राम, कैल्शियम 344 मिलीग्राम, मैग्नीशियम 100-150 मिलीग्राम, पोटेशियम 400-500 मिलीग्राम, फास्फोरस 130-250 मिलीग्राम, आयरन 4-10 मिलीग्राम और जिंक 2.3 मिलीग्राम मिलता है।

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FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

रागी कब नहीं खाना चाहिए?

रागी में भारी मात्रा में प्रोटीन और कैल्शियम मौजूद होता है। मगर आयुर्वेद के अनुसार रागी के आटे की तासीर गर्म होती है। इसी वजह से रागी के आटे से बने व्यंजनों को गर्मी के मौसम में खाने से बचना चाहिए। गर्मी में इसे खाने से बदहजमी और पेट में गैस बनने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

भारत में रागी कहाँ पाया जाता है?

ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में रागी की पैदावार की जाती है। वहीं अगर भारत की बात की जाए तो कर्नाटक में सबसे ज्यादा रागी की खेती की जाती है। साथ ही उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और तमिलनाडू में भी रागी (मडुआ) का उत्पादन किया जाता है।

क्या रागी ग्लूटेन फ्री है?

जी हां, रागी ग्लूटेन फ्री अनाज में शामिल है। अगर आप ग्लूटेन फ्री डाइट लेना चाहते हैं तो रागी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

क्या ज्वार और रागी एक ही है?

नहीं, ज्वार और रागी अलग-अलग हैं। दरअसल रागी एक अनाज है, वहीं ज्वार की बात की जाए तो यह एक घास है। भारत में खाद्य फसलों के रूप में दोनों का उपयोग किया जाता है। मगर इन दोनों ही चीजों को उपयोग करने का तरीका अलग-अलग है।

डिस्क्लेमर- यह सामग्री एक्सपर्ट की हेल्प से केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हो सकता है। किसी भी तरह के उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।

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