लड़कियों के पीरियड्स शुरू होना एक आम बात है पर यह बात चिंता की वजह तब बन जाती है जब छोटी उम्र में ही लड़कियों को पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं। आजकल की बात करें तो अब लड़कियों को 10 साल की छोटी उम्र से ही माहवारी आनी शुरू हो रही है। वहीं पहले 12 से 14 साल की उम्र में लड़कियों को पीरियड्स शुरू होते थे। ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है की Why Girls Get Periods At Early Age . लखनऊ की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. भूमिका बंसल से हमने इस सवाल का जवाब जानने का प्रयास किया। आइए विस्तार से समझते है लड़कियों में क्यों दिख रहा है ऐसा बदलाव और ऐसे समय में गर्ल्स को किस तरह की देखभाल की जरूरत होती है।
क्या है कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने की वजह- Why Girls Get Periods At Early Age
पिछले 10 वर्षों में कम उम्र में बच्चियों में पीरियड्स शुरू होने के मामलों की बात की जाए तो ऐसे मामलों में लगभग 15-20 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो की काफी ज्यादा है। ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से लड़कियों को छोटी उम्र में ही माहवारी का सामना करना पड़ता है। आइए विस्तार से समझते हैं कौन से हैं वो कारण –
बच्चों में मोटापा है बड़ी वजह- Childhood Obesity
आजकल के बच्चे छोटी उम्र से ही प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से बच्चों में एक्स्ट्रा फैट जमा होना शुरू हो जाता है। यही एक्स्ट्रा फैट शरीर में समय से पहले एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ाने का काम करता है। एस्ट्रोजन लेवल बढ़ने की वजह से भी लड़कियों को जल्दी पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं।
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जंक फूड का सेवन भी खतरनाक- Foods That Cause Early Puberty
ऐसी लड़कियां जो 3 से 5 साल की उम्र में ज्यादा फास्ट फूड या जंक फूड का सेवन करती हैं। उनमें भी जल्दी माहवारी आने का चांस रहता है। दरअसल जंक फूड मोटापा बढ़ाने का काम करता है और इससे इंसुलिन के लेवल में भी बढ़ोतरी होती है। जिससे यह भी कारण बनता है लड़कियों में अर्ली ऐज पीरियड्स शुरू होने का।
प्लास्टिक का इस्तेमाल भी है नुकसानदायक-Excessive Use Of Plastic
इन दिनों प्लास्टिक का इस्तेमाल जोरों से हो रहा है। खाने की चीजों से लेकर पीने का पानी तक सबके लिए प्लास्टिक का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। सेहत के लिए प्लास्टिक खतरनाक है। यह हमारे ब्रेन, किडनी और लिवर को तो नुकसान पहुंचाती ही है। साथ ही साथ प्लास्टिक में बीपीए मौजूद होता है जिससे गर्ल्स के हार्मोन बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
आनुवांशिक कारण भी है जिम्मेदार-Genetic Cause
कम उम्र में पीरियड्स होने की का एक कारण अनुवांशिक भी हो सकता है। अगर किसी लड़की की फैमिली हिस्ट्री में मदर या अन्य महिलाओं को जल्दी पीरियड्स शुरू हुए हैं तो ऐसे में अर्ली पीरियड्स होने के चांस बढ़ जाते हैं। ऐसे पीरियड्स किसी बीमारी की ओर संकेत नहीं करते हैं।
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चीनी-मीठे पेय पदार्थ का सेवन भी है शामिल
बढ़ती उम्र के दौरान कुछ लड़कियां बहुत ज्यादा चीनी और मीठी चीजों का सेवन करती हैं। चीनी और मीठी चीजों में फ्रुक्टोज नमक तत्व मौजूद होता है। इसकी वजह से हार्मोन्स में बड़ी तेजी से बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। इस वजह से भी बहुत बार लड़कियों को जल्दी पीरियड्स आने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
स्ट्रेसफुल लाइफ भी बन सकती है वजह
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी में यह दावा किया गया की गर्ल्स में अ.र्ली पीरियड्स होने की एक मुख्य वजह स्ट्रेसफुल लाइफ भी है। स्ट्रेस का असर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से पड़ता है। यहां तक स्ट्रेस स्किन पर भी असर डालता है। स्ट्रेस की वजह से लड़कियों में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इससे कई बार पीरियड्स भी जल्दी शुरू हो जाते हैं।
हार्मोनल असामान्यता पीरियड्स में देरी की भी बनता है कारण
वैसे तो लड़कियां 8 से 13 वर्ष की उम्र में पीरियड के दर्द का अनुभव करती है, इस प्रोसेस को मेनार्चे कहा जाता है। पीरियड्स आने पर ही लड़कियों में आने वाले यौवन की शुरुआत होती है। 8 साल की उम्र में आना वाला पीरियड भी काफी हद तक लड़कियों को अंदर से खोखला कर देता है क्योंकि उस उम्र की छोटी बच्चियां इस दर्द को सहन करने के काबिल नहीं होती हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसी लड़कियां भी होती है जिन में हार्मोनल असामान्यता के कारण 15 साल के बाद पीरियड्स शुरू नहीं होते, जो की ”अमेनोरिया” (Amenorrhea) कहलाता है। हार्मोनल इम्बैलेंस ही हार्मोनल एक्ने का भी कारण बनते हैं।
शरीर में किस परिवर्तन के बाद आते है पीरियड्स
एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार लड़कियों में स्तन विकास के 2 साल बाद पीरियड्स आने शुरू होते हैं।
दूसरा लड़कियों में योनी स्राव जैसा तरल पदार्थ निकलता है जो की काफी सारे बैक्टीरिया को मारने और PH लेवल को मेंटेन करने के लिए निकलता है। इसके निकलने के 6 महीने या एक साल के अंतराल में पीरियड्स आने शुरू हो जाते है|
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कम उम्र में पीरियड्स आने के नुकसान- Early Periods Hone ke Nuksan
- पीरियड्स अपने साथ मूड स्विंग जैसी समस्याओं को लेकर आता है जिसके कारण बच्चियों के दिमाग पर काफी बुरा असर पड़ता है।
- अर्ली पीरियड्स वाली लडकियां गुस्से और चिढ़चिढ़ेपन का शिकार हो जाती हैं।
- ऐसी लड़कियों में नूट्रिशन की कमी देखने को मिलती है।
- मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी बच्चियां डिप्रेशन और एंग्जायटी की चपेट में आ जाती हैं।
- सफाई न रखने के कारण इन्फेक्शन की समस्या से जूझना पड़ता है।
- जल्दी पीरियड्स आने वाली लड़कियों में अक्सर खून की कमी देखने को मिलती है।
- दिल से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका रहती है।
ऐसे समय में कैसे रखें बच्ची का ध्यान
- आपको अपनी बेटी को मानसिक तौर पर काफी मजबूत बनना पड़ेगा जिससे इसका प्रभाव उसके आने वाले भविष्य पर ना पड़े | बच्ची को मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने वाले फूड आइटम्स खाने को दें।
- खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन रिच फूड्स खिलाएं जैसे चुकंदर, गाजर और पालक आदि।
- बच्ची कैल्शियम की कमी से भी जूझ सकती है इसलिए दूध से बने प्रोडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा खिलाएं।
- सफाई का ध्यान रखें और हर 3 घंटे में बच्ची के पेड बदलवाएं।
- बच्ची को मेडिटेशन करवाएं जिससे उसे शांति और सुकून का एहसास हो सके।
डिस्क्लेमर: यह सामग्री सलाह सहित केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए लिखी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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