बढ़ता तपमान भारत में बीमारियों को न्योता दे रहा है, मगर शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी की गर्मी का असर हमारी मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है। दरअसल हीट स्ट्रोक हार्मोनल बदलाव का कारण बनता है और हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से लोग तनाव और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। आइए एक्सपर्ट्स से समझते हैं की Heatwave Ka Harmones Par Asar कैसे पड़ता है और कैसे गर्मी डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक बीमारियों को दावत देने का काम करती है। साथ ही यह भी जानेंगे की इस समस्या के समाधान के लिए कैसे उपाय आजमाएं जा सकते हैं।
जानिए कैसे दिमाग पर असर डाल रही है गर्मी- Heatwave Ka Harmones Par Asar
हीटवेव की वजह से लोगों में एक अलग ही चिढ़चिढ़ापन और झुंझलाहट देखने को मिलती है। लंबे समय तक इन्हीं मानसिक अवस्थाओं में रहने की वजह से हार्मोनल प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है। आइए विस्तार से समझते हैं की Heatwave Ka Harmones Par Asar कैसे पड़ता है।
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हीटवेव से बढ़ता है स्ट्रेस हार्मोन
कानपुर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ आभा दुबे ने बताया की लंबे समय तक हीट वेव का सामना कर रहे लोगों में स्ट्रेस पैदा होना शुरू हो जाता है और स्ट्रेस लेने के साथ ही शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस होने लगता है। इसके साथ ही बहुत ज्यादा गर्मी होने की वजह से थर्मोरेगुलेटरी सिस्टम बिगड़ जाता है जिससे कोर्टिसोल हार्मोन जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता बढ़ना शुरू हो जाता है।
दिमाग में पैदा होने वाले रसायनों में भी पड़ता है असर
गर्मी के सम्पर्क में लंबे समय तक रहने के बाद दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामिन नाम के रसायन पर असर पड़ना शुरू हो जाता है। जिससे मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है और यहीं मूड स्विंग्स गुस्सा, तनाव और चिंता जैसी समस्याओं को उभारते हैं। जिससे हार्मोन्स पर बुरा असर पड़ने लगता है।
गर्मी में एक्सरसाइज से भी बढ़ती है परेशानी
बहुत ज्यादा गर्मी के दौरान निरंतर व्यायाम करने वाले लोगों को भी जल्दी हीटवेव के चपेट में आने का खतरा रहता है। इस वजह से भी हार्मोनल प्रतिक्रिया उत्पन्न होने लगती है। जैसे-जैसे व्यायाम जारी रहता है, प्लाज्मा कोर्टिसोल का स्तर भी बढ़ता है। इससे शरीर में हार्मोनल इम्बैलेंस होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
हार्मोन्स पर असर पड़ने से खड़ी हो सकती हैं ये परेशानियां
- स्ट्रेस हार्मोन का लेवल अगर लंबे समय तक बढ़ा रहे तो इससे इम्युनिटी कमजोर होने लगती है। जिससे नींद नहीं आने और मूड स्विंग्स की दिक्कत होती है।
- थायराइड फंक्शन पर भी हीट वेव का प्रभाव पड़ता है। इससे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म होने का खतरा बढ़ जाता है।
- हीट वेव से हार्मोन्स पर असर पड़ते ही वजन में अंतर आना, थकान और टेम्परेचर सेंसिटिविटी बढ़ सकती है।
- हीट वेव या हीट स्ट्रोक पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के लेवल को कम करना शुरू कर देती है। जिससे इंफर्टिलिटी की समस्या पैदा होती है।
- महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स हार्मोन्स पर भी गर्मी का असर दिखता है। इससे महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को झेलना पड़ता है।
- बहुत ज्यादा पड़ने वाली तेज गर्मी से महिलाओं में पीएमएस के लक्षण ज्यादा दिखाई देना शुरू हो जाते हैं।
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रिसर्च में भी हुए हैरान कर देने वाले खुलासे- How Extreme Heat Impacts Human Brain
द लैंसेट के प्लानेटरी हेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार औसत मासिक तापमान में हर 1°C की बढ़ोतरी होने पर मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मौतों में 2.2% की बढ़त देखने को मिलती है। वहीं साल 2018 में हुई एक स्टडी एक दावा किया गया की अमेरिका और मैक्सिको में तापमान की 1°C की बढ़त से आत्महत्या करने का प्रतिशत भी एक डिग्री बढ़ा हुआ मिला। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल जेएएमए साइकेट्री में पब्लिश हुई फरवरी 2022 की एक रिपोर्ट में बताया गया की ठंडे दिनों की तुलना में गर्मी में 8 फीसदी ज्यादा इमरजेंसी केस देखने को मिले।
Heatwave Ka Harmones Par Asar कम करने के लिए आजमाएं ये उपाय- Heatwave Se Kaise Kare Bachav
- अगर आप गर्मी में अपने दिमाग को ठंडा रखना चाहते हैं तो अपनी नींद जरूर पूरी करें। नींद न आने पर घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं। नींद पूरी होने पर तनाव से राहत मिलती है।
- गर्मियों में हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें हाई इंटेंसिटी वर्कआउट करने से परहेज करें।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें। पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पियें।
- गर्मी के मौसम में ढीले, हवादार कॉटन के कपड़े ही पहनें।
- घर के बाहर निकलते समय खुद को अच्छे से कवर कर लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्ट्रोक के बाद दिमाग ठीक होने में कितना समय लगता है?
स्ट्रोक के बाद ठीक होने के लिए उम्र और इम्युनिटी पॉवर सहित कई चीजें अहम भूमिका निभाती हैं। इसी वजह से कुछ लोगों में महीने के अंदर ही सुधार दिखने लगता है तो वहीं कुछ लोगों को ठीक होने में सालों लग जाते हैं।
हीटवेव के दौरान क्या खाना चाहिए?
गर्मी के मौसम में मिलने वाली हरी सब्जी को अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। लौकी, तुरई, आइवी लौकी और हरी बीन्स को खाने में जरूर शामिल करें। ज्यादा से ज्यादा पानी भी पियें।
गर्मी में कौन सा खाना नहीं खाना चाहिए?
गर्मी में ज्यादा मसालेदार भोजन, वसायुक्त भोजन जो तला हुआ हो, ज्यादा शक्कर वाला भोजन और लाल मांस खाने से परहेज करना चाहिए।
डिस्क्लेमर- यह सामग्री एक्सपर्ट की हेल्प से केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हो सकता है। किसी भी तरह के उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
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