Summer Tips For Health | जानिए किन लोगों को हीटवेव का खतरा है सबसे ज्यादा, आजमाएं ये उपाय

इन दिनों देश के कई राज्यों में गर्मी ने अपना कहर बरपाया हुआ है। इसमें भी दिन भर चलने वाली गर्म हवाएं सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई है। वैसे तो गर्म हवाएं हर किसी को ही नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं। मगर उम्र, जेंडर, हेल्थ कंडीशन और काम की परिस्थितियों के अनुसार कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जिन्हें हीटवेव का खतरा सबसे ज्यादा होता है। Summer Tips For Health विषय के अंतर्गत आज इस लेख के माध्यम से हम लखनऊ की सीनियर फिजिशियन आभा गौतम से यह समझने वाले हैं की भीषण गर्मी में हीट वेव का खतरा किन लोगों को सबसे ज्यादा होता है और हीट वेव से बचाव के लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।

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इन लोगों को है हीट वेव का सबसे ज्यादा खतरा- Summer Tips For Health 

हीट वेव से बच्चों को है सबसे बड़ा खतरा 

बड़ो के मुकाबले बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से बच्चें बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। यही वजह है की बढ़ती गर्मी और दिनभर चलने वाली गर्म हवा बच्चों को बुखार, डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्या से घेरने का काम करती है। भारी गर्मी की वजह से बच्चों में कई तरह के इन्फेक्शन फैलने का डर भी बना रहता है। वहीं शरीर में होने वाली पानी की कमी कमजोरी, चिड़चिड़ाहट या पढ़ाई पर फोकस न कर पाने की वजह बनती है।

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हीट वेव से बच्चों के बचाव के लिए आजमाएं ये उपाय 

  • कोशिश करें की बच्चें कम से कम धूप में रहें
  • खेलने के लिए बच्चों को शाम को बाहर भेजें, दोपहर को बाहर जाने से मना करें
  • शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए बच्चों को नींबू पानी, ORS का घोल या मौसमी फलों का ताजा जूस दें, कोल्ड ड्रिंक्स से दूरी बनवा कर रखें।
  • बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सूती कपड़े पहनने को दें। साथ ही कपड़े हल्के और ढीले हों।
  • स्कूल जाते समय बच्चे के साथ एक पानी की बोतल जरूर दें।
  • ज्यादा चटपटा या मसालेदार खाना न दें। हल्का और ज्यादा लिक्विड ही खाने को दें।
  • त्वचा को टैंनिग से बचाने के लिए बच्चे को सनस्क्रीन लगाकर स्कूल भेजें।
  • बच्चे को ज्यादा से ज्यादा मटके का पानी ही पीने को दें। फ्रीज का पानी न पीने दें।
  • स्कूल या कड़ी धूप से आने के बाद तुरंत एसी और कूलर न चलाने दें।
  • बच्चे को अचानक उल्टी या दस्त की शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
  • बच्चों को आम और तरबूज जैसे सीजनल फ्रूट्स जरूर खिलाएं जिससे शरीर को जिंक और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की कमी नहीं होगी। साथ ही इम्युनिटी भी स्ट्रांग बनेगी

हीट वेव से बुजुर्गों को भी सचेत रहने की जरूरत 

बच्चों के बाद अगर कोई गर्मी की चपेट में आता है तो वो हैं बुजुर्ग। दरअसल बच्चों की ही तरह बुजुर्गों की भी इम्युनिटी पर कमजोर होती है। ऐसे में गर्मी के मौसम में चल रही हीट वेव बुजुर्गों के लिए कई तरह की परेशानियां खड़ी करने का काम करती है। इसमें भी वो बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान होते  हैं जो पहले से ही हार्ट प्रॉब्लम्स, डायबिटीज या हाई बीपी की समस्या का सामना कर रहे होते हैं। भारी गर्मी में बुजुर्ग मांसपेशियों में ऐंठन, थकावट, कमजोरी, चक्कर आना और सिर घूमना जैसी परेशानियों का अनुभव भी कर सकते हैं।

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हीट वेव से बुजुर्गों के बचाव के लिए कारगर हैं ये उपाय

  • घर से बाहर केवल सुबह और शाम के वक्त ही निकालें। दोपहर को घर से बाहर जाने से बचें।
  • प्यास लगने का इंतजार किए बिना थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें।
  • ऐसा कोई काम न करें जिसमें बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़े या ज्यादा वजन उठाना पड़े।
  • जब भी घर से बाहर निकलें तो सर को टोपी या गमछे से जरूर ढंककर रखें।
  • दोपहर के समय घर से बाहर जा रहे हैं तो धूप का चश्मा और छाता ले जाना न भूले।
  • कुछ खाकर ही धूप में निकलें। सत्तू का शर्बत और कच्ची प्याज लू से बचाने में आपकी मदद करेगी।

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हीट वेव गर्भवती महिलाओं को भी पहुंचा सकती है नुकसान

बच्चों और बुजुर्गों के बाद हीट वेव का नुकसान गर्भवती महिलाओं को झेलना पड़ता है। भारी गर्मी की वजह से गर्भवती महिलाओं को थकावट, हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और इन परेशानियों की वजह से होने वाले बच्चे को भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो कोशिश करें की शरीर का तापमान 39°C (102.2°F) से अधिक न हो।

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हीट वेव से गर्भवती महिलाओं के बचाव के लिए आजमाएं ये टिप्स

  • बहुत ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से बचें, कॉटन के हल्के कपड़े पहनें।
  • फ्रीज का पानी पीने से परहेज करें। घड़े का ठंडा पानी पीने की करें कोशिश।
  • लिक्विड चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। डाइट में नारियल पानी व नींबू पानी को जरूर शामिल करें।
  • सूती दुपट्‌टे को गीला करके उसे ओढ़ लें। इससे भी शरीर को ठंडक मिलेगी।
  • दोपहर के समय घर से निकलने से बचें, एसी, कूलर वाले कमरे में ही ज्यादा समय व्यतीत करें।
  • बहुत ज्यादा पसीना आ रहा हो तो कम से कम मेहनत वाला काम करें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने पाए इसके लिए सीजनल फ्रूट्स तरबूज, खरबूज व अंगूर को अपनी डाइट में शामिल करें।
  • सोने के लिए कम्फर्टेबल बिस्तर का चुनाव करें। बहुत मोटे गद्दे का इस्तेमाल न करें।

हीट वेव मेहनत-मजदूरी करने वाले लोगों को भी बनाती है अपना शिकार- Heat Waves Safety Tips

मेहनत मजदूरी करने वाले लोग सीधे धूप के सम्पर्क में आते हैं। ऐसे में ये लोग बहुत जल्दी हीट वेव की चपेट में आ जाते हैं। इसी वजह से ये लोग डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त, बेहोशी या अन्य कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में इन लोगों को धूप में निकलने से पहले अपने सर को टोपी या गमछे से कवर करके रखना चाहिए। साथ ही बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए और लू से बचने के लिए सत्तू और प्याज का सेवन भी लाभकारी माना जाता है।

गर्मी से बचने के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान- Garmi Se Bachne Ke Upay

  1. कोशिश करें की फुल बाजू की पैंट और शर्ट पहनें।
  2. सिंथेटिक के कपड़ों के बजाए कॉटन के हल्के कपड़े पहनें।
  3. धूप में निकलते वक्त सनग्लासेस का इस्तेमाल जरूर करें।
  4. यूवी प्रोटेक्शन सनस्क्रीन आपको टैनिंग से बचाने के साथ ही गर्मी से बचाने का काम भी करेगी।
  5. धूप में निकलते समय सर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।
  6. बाजार में मिलने वाले कटे फलों का सेवन न करें। इनसे फूड पॉइज़निंग होने का खतरा बढ़ता है।
  7. थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हीट वेव्स के कारण क्या हैं?

जब वायुमंडल में गर्म हवा फंस जाती है तो ऐसे में गर्म लहरें उत्पन्न होना शुरू हो जाती हैं। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के परिणामस्वरूप गर्मी की ये लहरें और ज्यादा तेज हो जाती हैं। जिससे गर्मी और लंबे समय तक रुकी रहती है।

हीटस्ट्रोक के संकेत क्या है?

जब तापमान 104°F (40°C) से ऊपर का होता है तो इसे हीट स्ट्रोक का संकेत माना जा सकता है। इसके साथ ही मतली, दौरे, भ्रम, भटकाव और कभी-कभी चेतना की हानि जैसे लक्षण भी इसमें शामिल होते हैं। इस दौरान शरीर के सोडियम या पोटेशियम के स्तर की जांच के लिए रक्त परीक्षण किया जा सकता है।

हीट स्ट्रोक के बाद रिकवरी कब तक होती है?

हीटस्ट्रोक से ठीक होने में हफ्तों से महीने तक का समय लग सकता है। दरअसल हीट स्ट्रोक की चपेट में आने के बाद शरीर के तापमान में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इसी वजह से करीबन एक सप्ताह तक फिजिकल एक्टिविटीज करने से परहेज करना चाहिए। साथ ही शरीर में किसी भी तरह का बदलाव देखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीकों व दावों को केवल सुझाव के रूप में ले। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। 

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