बिगड़ती लाइफस्टाइल और तनाव भरी जिंदगी की वजह से इन दिनों कपल्स सबसे ज्यादा फर्टिलिटी प्रॉब्लम्स का सामना करते दिखाई दे रहे हैं। इनफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय सबसे ज्यादा कारगर साबित होते हैं। अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से डायटिशियन मनप्रीत कालरा ने चेस्टबेरी की चाय को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या को (Chasteberry Tea benefits for Infertility Problems) दूर करने के लिए अचूक उपाय बताया है। आइए विस्तार से समझते हैं की चेस्टबेरी क्या है और इसकी चाय कैसे फर्टिलिटी को बढ़ाने असरदायक साबित होती है।
क्या है चेस्टबेरी ? (Chasteberry meaning in Hindi)
चेस्टबेरी एक ट्रोपिकल पौधा है जिसका बोटेनिकल नाम वाईटेक्स एग्नस-कास्टस (vitex agnus castus) है। यह पौधा आमतौर पर गर्म क्लाइमेट में मिलता है। इसे वाइटेक्स (vitex), चेस्ट ट्री (chaste tree / chastetree), चेस्टबेरी (chasteberry) और लिलाक चेस्ट ट्री (lilac chastetree) के नाम से भी जाना जाता है। खास बात ये है की इस पौधे के फल, बीज और पत्तियों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के रूप में किया जाता है।
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फर्टिलिटी से जुड़ी हर समस्या का निदान है चेस्टबेरी टी- Chasteberry Tea benefits for Infertility Problems
हार्मोन्स बैलेंस करता है- Chasteberry Tea Balance the Harmoes
हार्मोनल इम्बैलेंस होने की वजह से फर्टिलिटी से जुड़ी कई तरह की समस्याए पैदा होती हैं। चेस्टबेरी की चाय का सेवन करने से यह सबसे पहले पिट्यूटरी ग्लैंड के काम को बेहतर बनाने का प्रयास करती है। जिससे हार्मोन्स संतुलित होने शुरू हो जाते हैं। इता सके साथ ही चेस्टबेरी चाय महिलाओं में मिलने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स को बैलेंस करने का काम भी करती है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) में भी लाभकारी-Chasteberry eases PMS symptoms
फर्टिलिटी की समस्या सीधे तौर पर पीएमएस से जुड़ी हुई नहीं है। मगर पीएमएस की वजह से महिलाओं को कंसीव करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चेस्टबेरी की चाय प्रोलैक्टिन (prolactin) हार्मोन को संतुलित करने का काम करती है। इस हार्मोन के संतुलित होने से प्रीमेनस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) से राहत मिलनी शुरू हो जाती है। जिससे मूड स्विंग्स, स्ट्रेस, इरेटेबिलिटी, ब्रेस्ट टेंडर्नेस और पीरियड्स की अनियमितता में सुधार होना शुरू हो जाता है।
ओव्यूलेटरी डिसफंक्शन को करती है दूर- Chasteberry boost fertility
इनफर्टिलिटी का संबंध सही तरह से ओवुलेशन न होने से जुड़ा हुआ है। चेस्टबेरी की चाय का सेवन करने से ओव्यूलेटरी डिसफंक्शन दूर हो जाते हैं और पीरियड साइकिल भी नियमित हो पाती है। ओव्यूलेशन प्रक्रिया में किसी भी तरह की बाधा को दूर करने के बाद महिलाएं आसानी से कंसीव कर पाती हैं।
प्रोलैक्टिन हार्मोन को नियंत्रण में रखती है- Chasteberry control The Level of Prolactin Harmone
इंफर्टिलिटी होने के कारणों में प्रोलैक्टिन का हाई लेवल भी शामिल है। दरअसल यह हार्मोन स्तनपान कराने वाली महिलाओं के शरीर में ज्यादा एक्टिव होता है। इससे ब्रैस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद मिलती है। मगर जब यह ऐसी महिलाओं में बढ़ना शुरू हो जाता है जो स्तनपान नहीं करवा रही हैं तो ऐसे में इसका बुरा असर पीरियड्स साइकिल पर पड़ता है। जिससे महिलाओं को इंफर्टिलिटी की समस्या झेलनी पड़ती है। चेस्टबेरी की चाय प्रोलैक्टिन के लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करती है।
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रिप्रोडक्टिव सिस्टम को बनाती है मजबूत- Chasteberry Make the Reproductive System Strong
चेस्टबेरी की चाय रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मजबूती देने में भी अहम भूमिका निभाती है। रिप्रोडक्टिव सिस्टम के मजबूत होने से पीरियड्स साइकिल सुचारु रूप से चल पाती है। इससे महिलाओं की इंफर्टिलिटी की समस्या दूर होनी शुरू हो जाती है और वो आसानी से कंसीव कर पाती हैं।
क्यों होती है इंफर्टिलिटी की समस्या- Kyu Hoti Hai Infertility Ki Samasya
- तनाव और खाने में पौष्टिक चीजों का सेवन न करने से प्रजनन क्षमता पर गहरा असर होता है।
- आमतौर पर लोग आईवीएफ सेंटर या फिर दवाइयो का सहारा लेते हैं पर ये सेहत के लिहाज से यह सही नहीं है। दरअसल फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवा कई तरह के साइड इफेक्ट्स पैदा करने का काम करती हैं।
- शराब और नशीली दवाओं का उपयोग करने से भी बचें। इसकी वजह से भी इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल को फॉलो करने से भी फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है।
- प्रजनन प्रणाली के जन्म दोष से ग्रसित होने की वजह से भी कई बार इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझना पड़ता है।
- बहुत अधिक मोटापे या फिर बहुत ज्यादा शारीरिक कमजोरी की वजह से भी महिलाओं को मां बनने में कठिनाई होती है।
चेस्टबेरी चाय कैसे बनाएं- Chasteberry Tea Recipe
½ इंच बनाने के लिए सामग्री
- एक चम्मच चेस्टबेरी टी
- चुटकी भर हल्दी पाउडर
- एक चुटकी दालचीनी का पाउडर
- ½ इंच अदरक (कसा हुआ)
- करीबन 200 ml पानी
चेस्टबेरी की चाय बनाने की विधि
- चेस्टबेरी की चाय बनाने के लिए सबसे पहले आपको किसी बर्तन में थोड़ा पानी उबालना होगा।
- जब यह पानी गर्म हो जाए तो इसमें चेस्टबेरी टी डालें और फिर इसे 5 मिनट तक और उबालें।
- पानी उबलने के बाद आप इसमें हल्दी, दालचीनी और थोड़ा सा अदरक मिला सकते हैं।
- अब इस पानी को अच्छे से मिक्स कर लें और इसे दोबारा 2-3 मिनट तक उबालें।
- इस तरह आपकी चेस्टबेरी टी बनकर तैयार है। आप गर्मागर्म इसे पीकर इसका लुफ्त उठाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
चेस्टबेरी को काम करने में कितना समय लगता है?
चेस्टबेरी का इस्तेमाल शुरू करने के तीन से चार महीने के भीतर आपको रिजल्ट दिखाई देने शुरू हो जाएंगे। यह जैसे ही अपना काम करना शुरू करें। इसका इस्तेमाल बंद कर दें।
चेस्टबेरी किसे नहीं लेना चाहिए?
प्रेगनेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग करवा रही महिलाओं को चेस्टबेरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे मतली, सिरदर्द, जठरांत्र संबंधी गड़बड़ी या खुजली जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं।
मुझे कितना चेस्टबेरी लेना चाहिए?
समस्या के अनुसार चेस्टबेरी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अगर पीएमएस है तो नाश्ते से पहले प्रतिदिन 400 मिलीग्राम लें। वहीं अगर गर्भाशय फाइब्रॉएड है तो दिन में दो बार 400 मिलीग्राम और बांझपन के लिए प्रतिदिन 160-240 मिलीग्राम चेस्टबेरी का उपयोग लाभदायक है।
डिस्क्लेमर- यह सामग्री एक्सपर्ट की हेल्प से केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हो सकता है। किसी भी तरह के उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
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