स्ट्रेस यानी की ‘तनाव’ एक ऐसी गतिविधि है जो हमारी मेंटल हेल्थ के साथ-साथ हमारी फिजिकल हेल्थ के लिए भी काफी खतरनाक है | आज भारत ही नहीं दुनियाभर के लोग भी इस समस्या से जूझ रहे है | तनाव दैनिक जीवन का एक परिचित और अपरिहार्य हिस्सा बनता जा रहा है। स्ट्रेस कई रूपों में हमारे जीवन में दखल देता है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है की क्या तनाव हमारे ब्रेन पर भी असर डालता है। आइए इस लेख के माध्यम से कानपुर की साइकोलोजिस्ट डॉ. दिव्या चौधरी से यह समझने का प्रयास करते हैं की Stress Brain Ko Kaise Effect Krta Hai और ब्रेन तक स्ट्रेस को पहुंचने से रोकने के लिए किन उपायों को अपनाया जा सकता है।
स्ट्रेस कैसे करता है मस्तिष्क तक प्रहार- Stress Brain Ko Kaise Effect Krta Hai
हेनरी फोर्ड हेल्थ के एक न्यूरोलॉजिस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया की लम्बे समय से लगातार तनाव में रहने की वजह से मस्तिष्क समय से पहले सिकुड़ना शुरू हो जाता है। इसी वजह से बहुत से लोग छोटी उम्र में ही भूलने की बीमारी के चपेट में आ जाते हैं। दरअसल लगातार तनाव में रहने की वजह से कोर्टिसोल नाम का हार्मोन रिलीज़ होता है। इसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। कोर्टिसोल बढ़ने की वजह से मस्तिष्क कोशिकाएं खत्म होनी शुरू हो जाती है। मस्तिष्क में एक ऐसा क्षेत्र होता है जो हमारे मन में उमड़ने वाली भावनाओं के लिए जिम्मेदार होता है। इसे एमिग्डाला कहा जाता है। लंबे समय से लिए जा रहे तनाव की वजह से यह एमिग्डाला सिकुड़ना शुरू हो जाता है।
कैसे करें स्ट्रेस कम- Stress Ko Kaise Dur Kare
स्ट्रेस देखने में जितना छोटा सा शब्द लगता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह उतना ही खतरनाक है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जो स्ट्रेस को दूर करने में मददगार साबित होते हैं।
द्वेष मत रखो
द्वेष रखने से जो नकारात्मक भावनाएं आती हैं, वे वास्तव में एक तनाव प्रतिक्रिया होती हैं। घटना के बारे में सोचने मात्र से आपका शरीर नकारात्मक विचारों से भर जाता है। इसलिए जितना हो सकता है इसपर नियंत्रण रखने का प्रयास रखना चाहिए। विचारों की शुद्धता पॉजिटिव नजरिया देने का काम करता है।
जहरीले (टॉक्सिक) लोगों को निष्क्रिय करें
कठिन लोगों से निपटना अधिकांश लोगों के लिए निराशाजनक, थका देने वाला और अत्यधिक तनावपूर्ण होता है। आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखकर विषैले लोगों के साथ अपनी बातचीत को नियंत्रित कर सकते हैं और यह काफी अच्छा तरीका साबित हो सकता है।
शेयर करें अपनी फीलिंग्स
अक्सर ओवर थिंकिंग की वजह से स्ट्रेस आता है और ओवर थिंकिंग की मुख्य वजह अपनी फीलिंग्स को शेयर न करना है। दरअसल लोग वह समस्या बना लेते है जो असल में होती भी नहीं है, इसलिए जितना हो सके लोगो के साथ बातचीत करें और खुशहाल जीवन व्यतीत करने का प्रयास करें।
ये भी पढ़ें- Jyada Pani Pine ke Nuksan | जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी है खतरनाक, जानिए एक दिन में कितना पीना चाहिए पानी
डिस्कनेक्ट करना सीखें
हमारे आस-पास ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो हमारी भावनाओं को समझना ही नहीं चाहते हैं। इसी वजह से ऐसे लोगो से दूर रहना चाहिए जो आपके दुःख-दर्द को समझने की जगह उसे और बढ़ाने का काम करें। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हमें हमदर्द ढूंढते -ढूंढ़ते सरदर्द नहीं पलना चाहिए। इसके साथ ही अपने इमोशंस केवल ऐसे व्यक्ति के सामने शेयर करें जो इन्हें समझने का प्रयास करें।
खुद पर कंट्रोल रखें
मन को शांत कैसे रखें यह सवाल आजकल हर किसी के मन में गूंजता रहता है। दुःख-सुख तो जीवन में की सीढ़िया है हम जितना ऊपर जायेंगे उस हिसाब से फल भोगेंगे लेकिन हमारी आत्मा में इतनी शक्ति है की हम अपने ऊपर आने वाली हर मुश्किल परिस्थिति को एक अवसर में बदल सकतें है और खुद को उसके अनुकूल बना सकतें है | जितना हो सके अपने दिमाग और मन को न भटकने दें |
ले सकते है मेडिसिन का सहारा
यह उपाय उनके लिए है जो असल ज़िन्दगी में काफी दुःख से गुजर रहे है जिनका स्ट्रेस डिप्रेशन का रूप लेने को है | मेडिसिन के क्षेत्र में स्ट्रेस के कई तरह के इलाज है जिन्हे आप डॉक्टर की सलाह से ले सकतें है।
अपना सामाजिक दायरा बढ़ायें
सामाजिक दायरा आप को कुछ ऐसे लोगों से कनेक्ट करने का मौका देता है जो आपमें एक सकारात्मक सोच को विकसित कर पाते हैं। इसी वजह से अपना सामाजिक दायरा बढ़ाने का प्रयास करते रहना चाहिए।
योग और एक्सरसाइज करें
मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने और मानसिक तनाव के असर को कम करने करने में आपकी मदद योग और एक्सरसाइज कर सकते हैं। होनी दिनचर्या में योग और एक्सरसाइज को शामिल जरूर करें। वहीं रूटीन में ध्यान लगाकर आप मानसिक तनाव से छुटकारा पा सकते हैं।
ये भी पढ़ें- Morning Anxiety Kya Hai | क्या आपको भी सुबह उठते ही सताने लगती है चिंता, आइए जानते हैं वजह
इन लक्षणों से समझें दिमाग तक पहुंच चुका है स्ट्रेस- Stress Symptoms In Hindi
- छोटी-छोटी बातों पर परेशानी का अनुभव करना, किसी भी छोटी बात पर बहुत ज्यादा इमोशनल फील करना और रोने का मन होना।
- किसी एक चीज पर फोकस न रख पाना। जरूरी बातों को भी भूल जाना।
- किसी छोटे काम को करने में जरूरत से ज्यादा समय लेना।
- निर्णय लेने में कठिनाई का अनुभव करना। अपने द्वारा लिए गए निर्णय को खुद ही गलत समझना।
- स्ट्रेस को कम करने के लिए शराब या फिर नशे का सेवन शुरू कर देना।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ज्यादा से ज्यादा खट्टे फलों का सेवन करें। डार्क चॉकलेट भी है मददगार ब्लैक टी भी एक अच्छा ऑप्शन है मैदा, नमक और चीनी का सेवन कम से कम करें बॉडी को हाइड्रेट रखने का प्रयास करें
तनाव से छुटकारा पाने के लिए स्ट्रेस हार्मोन यानी कॉर्टिसोल को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ने की वजह से इम्युनिटी पॉवर पर भी बुरा असर पड़ता है और शरीर कई बीमारियों के चपेट में आ जाता है।
स्ट्रेस लेवल कितना होना चाहिए?
स्ट्रेस का सबसे निचला स्तर 44 या उससे नीचे का होना चाहिए। वहीं माध्यम स्तर पर 45-60 का स्कोर होता है। उच्च स्तर के लिए स्कोर 61 या उससे अधिक का होता है।
डिस्क्लेमर- यह सामग्री एक्सपर्ट की हेल्प से केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हो सकता है। किसी भी तरह के उपयोग से पहले किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
ये भी पढ़ें- Dengue Mosquito Bite Time And Symptoms | जानिए डेंगू का मच्छर किस वक्त सबसे ज्यादा काटता है ?
ये भी पढ़ें-Sabse Jyada Vitamin Kisme Hota Hai | इन 12 चीजों में छिपा है विटामिन का खजाना
Stress is one of the major problem.very difficult to handle it