Natural Probiotics Ke liye Kya Khaye | ये 11 नेचुरल प्रोबायोटिक्स आपके पेट को रखेंगे दुरुस्त

स्वस्थ शरीर के लिए पेट का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। दरअसल ज्यादातर बीमारियों की जड़ पेट में ही मौजूद होती है। मगर लाइफस्टाइल में गलत आदतों को अपनाने की वजह से इन दिनों लोग सबसे ज्यादा पेट से जुड़ी  समस्याओं को झेलते हैं। पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए आंतों का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। गट में मौजूद गुड बैक्‍टीरिया ही पेट की समस्याओं से निजात दिला सकते हैं और प्रोबायोटिक फूड की मदद से गुड बैक्‍टीरिया की संख्या बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में सवाल यह उठता है की Natural Probiotics Ke liye Kya Khaye। यहां हम आपको ऐसे 10 नेचुरल प्रोबायोटिक के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें आपको अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

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ये हैं 11 नेचुरल प्रोबायोटिक्स- Natural Probiotics Ke liye Kya Khaye

किमची जरूर खाएं 

गोभी, मूली और अन्य सब्जियों को मिलाकर एक मसालेदार फर्मेन्टेड कोरियाई साइड डिश बनाई जाती है जिसे किमची कहा जाता है। किमची की गिनती भी नेचुरल प्रोबायोटिक्स के रूप में किया जाता है। इसे खाने से आंत में गुड बैक्टीरिया पनपते हैं जिससे पाचन तंत्र में सुधार हो पाता है।

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केफिर खाना भी है लाभदायक 

एक फर्मेन्टेड मिल्क प्रोडक्ट जिसमे प्रोबायोटिक्स प्रचुर मात्रा में होते हैं को केफिर कहा जाता है। केफिर के दानों को दूध में मिलाकर पिया जाता है। दरअसल यह बैक्टीरिया और यीस्ट का मिश्रण होता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को मजबूती देने का काम करते हैं।

कोम्बुचा चाय भी करें ट्राई 

इन दिनों कोम्बुचा काफी पॉपुलैरिटी प्राप्त करने का काम कर रही है। यह एक तरह की फर्मेंटेड चाय है। यह चाय कई दिनों में बनकर तैयार होती है। दरअसल इसे टी फंगस और यीस्ट को फर्मेंट करके बनाया जाता है। गर्म और ठंडी दोनों ही तरीकों से इस चाय को परोसा जाता है।

प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत है सौअरक्राउट

सौअरक्राउट को भी प्रोबायोटिक्स का एक अच्छा सोर्स माना जाता है।  इसमें विटामिन की भी अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। मगर ध्यान रहे की हमेशा बिना पाश्चुरीकृत सौअरक्राउट का ही चुनाव करें। दरअसल पाश्चुरीकृत सौअरक्राउट हेल्दी बैक्टीरिया को मारने का काम करता है।

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प्रोबायोटिक्स फूड की लिस्ट में आता है दही 

दही चमत्कारिक रूप से पेट में गुड़ बैक्टीरिया बढ़ाने का काम करती है। इसी वजह से दही को भी प्रोबायोटिक्स फूड की लिस्ट में शामिल किया जाता है। अगर पेट में पाचन से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है तो निरंतर रूप से दही का सेवन शुरू कर दें। जल्दी ही आपको राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।

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कोम्बुचा भी है नेचुरल प्रोबायोटिक्स 

नेचुरल प्रोबायोटिक्स में कोम्बुचा का नाम भी शामिल है। कोम्बुचा को “मशरूम चाय” के नाम से भी जाना जाता है। इसे चीनी, बैक्टीरिया और यीस्ट के कल्चर के साथ फर्मेन्ट करके तैयार किया जाता है। कोम्बुचा में लैक्टिक-एसिड बैक्टीरिया शामिल होने की वजह से यह प्रोबायोटिक के रूप में काम कर पाता है।

मिसो का इस्तेमाल भी है असरदायक 

नमक, कोजी (एस्परगिलस ओरेजा) के साथ सोयाबीन को फर्मेंट करके एक गाढ़ा पेस्ट तैयार किया जाता है। जापान के पारंपरिक भोजन में मिसो का नाम भी शामिल है। प्रोबायोटिक्स के एक बड़े स्रोत के रूप में मिसो की गिनती की जाती है। इसी वजह से यह हानिकारक बैक्टीरिया को रोकने से मदद करता है।

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प्रोबायोटिक्स का बड़ा सोर्स है टेम्पेह

टेम्पेह एक वेजिटेरियन फूड है। सोयाबीन को फर्मेंट करके इसे तैयार किया जाता है। यह एक नेचुरल प्रोबायोटिक का काम भी करता है। इसे बनाने के लिए सोयाबीन के पूरे हिस्से को प्रयोग में लाया जाता है। इसी वजह से टेम्पेह में प्रोटीन की अच्छी-खासी मात्रा भी मिलती है।

आचार का सेवन भी है लाभकारी 

आंतों की अच्छी सेहत के लिए आचार का सेवन भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। नमकीन पानी की वजह से आचार अच्छे से फर्मेंट हो पाता है। जो आचार लैक्टो-फर्मेन्टेशन की प्रक्रिया की वजह से बनाए जाते हैं उन्हें प्रोबायोटिक्स का अच्छा सोर्स माना जाता है। इसी वजह से डाइट में खीरे और ऑलिव का आचार शामिल करने का प्रयास जरूर करें।

कांजी भी बढ़ाता है अच्छे बैक्टीरिया

अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में कांजी मददगार साबित होता है। यह काले नमक, सरसों व तिल के साथ गाजर और चुकंदर को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल गर्मियों के मौसम में किया जाता है। यह आंत के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

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जानिए प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों के लाभ- Probiotic Food Benefits

  • प्रोबायोटिक्स आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बनाने में मदद करता है। जिससे पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है।
  • अगर आप भी मन को शांत कैसे करें जैसे सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आपके लिए प्रोबायोटिक्स मददगार साबित हो सकते हैं। प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल अवसाद (डिप्रेशन), चिंता और तनाव से निजात दिलाने का काम करते हैं।
  • कुछ मामलों में ये खुजली और एलर्जी की समस्या का भी निदान करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
  • इम्युनिटी सिस्टम को मजबूती देने के लिए भी प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल लाभकारी साबित होता है।
  • डायरिया जैसी समस्या से निजात पाने के लिए भी प्रोबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

क्या हम रोजाना प्रोबायोटिक्स ले सकते हैं?

सामान्य तौर पर नेचुरल रूप से लिए गए प्रोबायोटिक्स का रोजाना इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है। दरअसल प्रोबायोटिक्स एक प्राकृतिक पूरक है इसकी किसी दवा के रूप में गिनती नहीं की जा सकती है।

कौन सा फल प्राकृतिक प्रोबायोटिक है?

गर्मियों में सबसे ज्यादा मिलने वाला फल तरबूज एक नेचुरल प्रोबायोटिक्स है। यह हमारी आंत की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। साथ ही यह गुड़ बैक्टीरिया को बढ़ाने का भी काम करता है।

कौन सी सब्जियों में प्रोबायोटिक्स होते हैं?

चुकंदर, गाजर और मूली में लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस और लैक्टोबैसिलस प्लांटारम जैसे प्रोबायोटिक के उपभेद मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इन सब चीजों में फाइबर, विटामिन और खनिज भी प्रचुर मात्रा में मिलता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

 

 

 

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