Hearing Loss In Hindi: कान और आंखों का है गजब का तालमेल, जानिए आंखें कैसे देती हैं हियरिंग लॉस की जानकारी

हमेशा कहा जाता है की आंखें दिल की जुबां होती है। यानी इंसान दिल की जो बात जुबान से नहीं कह पता उसे आंखें बयां कर देती हैं। मगर शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी की आंखों का एक खास रिश्ता कानों के साथ भी होता है। दरअसल आंखों और कान के बीच इतना गजब का तालमेल होता है की आप किसी की आंखें देखकर हियरिंग लॉस की जानकरी पा सकते सकते हैं। Hearing Loss In Hindi विषय के अंतर्गत आज इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताने वाले हैं की किस तरह कान कमजोर होने की जानकरी हमें आंखों से मिल सकती है।

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रिसर्च का भी दावा – हियरिंग लॉस का पता लगाने में आखें निभाती हैं अहम भूमिका (Hearing Loss In Hindi)

अभी हाल ही में हुई एक रिसर्च में भी इस बात का दावा किया गया है की कान कमजोर होने की जानकारी देने में आंखें अहम रोल निभाती हैं। स्टडी के अनुसार जिन व्यक्तियों को सुनने में तकलीफ महसूस होती है वो अक्सर आंखों को बिना हिलाए-डुलाए एक जगह पर देखते हुए बात को सुनने का प्रयास करते हैं। आमतौर पर ऐसे व्यक्ति बात को सुनते समय एक जगह पर ही अपनी आंखों का फोकस बनाकर किसी एक ही चीज पर नजर टिकाए दिखाई देते हैं।

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शोरगुल में किसी एक आवाज पर फोकस करना भी हियरिंग लॉस माना जाएगा क्या

रिसर्चर एरिक कुई और ब्योर्न हेरमैन ने जानकारी देते हुए बताया की शोरगुल में किसी एक आवाज पर फोकस करना एक नॉर्मल प्रोसेस के अंतर्गत आता है। इसे हियरिंग लॉस नहीं माना जा सकता। मगर सामान्यतौर पर बिना भीड़-भाड़ वाली जगह पर आंखों की मूवमेंट करें बगैर जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की बात सुनने का प्रयास करता है तो इससे समझा जा सकता है की सामने वाले व्यक्ति के कानों में दिक्कत शुरू हो चुकी है।

2050 तक 250 करोड़ लोगों के बहरे होने की आशंका 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रांस में हुई रिसर्च के अनुसार शुगर और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी लोगों में सुनने की समस्या पैदा करना का काम कर रही हैं। इसके साथ ही हेडफोन का अत्यधिक इस्तेमाल भी बहरेपन का खतरा बढ़ाने का काम करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के करीबन 150 करोड़ लोग सुनने से जुड़ी कई तरह की समस्याओं को झेल रहे हैं। वहीं 2050 तक यह आंकड़ा 250 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

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ये हैं हियरिंग लॉस के लक्षण- Bahrapan Ke Kyan Lakshan Hote Hain 

  • एक ही बात को बार-बार दोहराने या बोलने के लिए कहना
  • कमजोरी और थकान के साथ सिरदर्द महसूस करना
  • कानों में घंटी बजने की आवाज सुनाई देना
  • किसी के थोड़ा सा भी धीरे बोलने पर उसकी बात समझने में कठिनाई महसूस करना
  • सनसनाहट की आवाज का सुनाई देना
  • किसी व्यक्ति के बोलने पर उसकी तरफ एकटक देखते रहना
  • दूसरे लोगों की अपेक्षा तेज आवाज में टीवी या संगीत सुनना शुरू करना
  • फोन पर की गई बातचीत सही ढंग से समझ नहीं पाना

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हियरिंग लॉस होने के कारण- Causes of Hearing Loss

  • ज्यादा देर तक ऐसी मशीन में काम करना जो बहुत शोर शराबा करती हो।
  • फैमिली हिस्‍ट्री और अनुवांशिकी विकार भी बहरापन होने की बनती है वजह।
  • कई बार कान में दिक्कत होने की वजह ऑटोटॉक्सिस दवाएं भी होती हैं।
  • ऑटोइम्‍यून डिसीज,ऑटोस्‍केलोरोसिस और मेनियर डिसीज भी कान से जुड़ी समस्याओं को पैदा कर सकती हैं।
  • उम्र का बढ़ना भी है एक बड़ा कारण।

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हियरिंग लॉस से कैसे करें बचाव- Prevention of Hearing Loss in Hindi

  1. भीड़-भाड़ और बहुत शोर शराबे वाली जगह में कानों का बचाव करना बहुत अहम है। इयरमफ का इस्तेमाल करके आप अपने कानों को काफी हद तक सेफ रख सकते हैं।
  2. अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में काम करते हैं जहां अधिक शोर-शराबा रहता है तो आप नियमित रूप से अपने कानों का चेकअप करवाएं। जिससे किसी भी दिक्कत के शुरुआती दौर में ही इसे पकड़ कर इसका ईलाज शुरू किया जा सके।
  3. हद से ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल आपके कानों को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल लगातार तेज आवाज में म्यूजिक सुनते रहने से आपके कान के परदे प्रभावित हो सकते हैं।
  4. प्रेग्नेंसी के समय किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। दरअसल प्रेगनेंसी के समय में बरती गई लापरवाही आपके बच्चे के कानो लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
  5. अगर आपका कान लगातार बह रहा हो तो बिना किसी देरी के डॉक्टर के पास पहुंचे और कानों का ईलाज शुरू करें।

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FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

अगर कान से कम सुनाई देने लगे तो क्या करें ?

अगर आप इस बात से कन्फर्म हो की आपको कम सुनाई देता है तो किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें। इसके साथ ही ज्यादा शोरगुल वाली जगह पर जाने से परहेज करें और ईयर पफ का इस्तेमाल भी शुरू कर दें।

बहरापन को ठीक करने के लिए क्या किया जाना चाहिए ?

बहरापन कई तरह का होता है और बहरापन होने के पीछे कई वजह शामिल हो सकती है। सबसे पहले यह पता लगाने का प्रयास करें की आपके बहरेपन के पीछे क्या वजह हो सकती है। अपने बहरेपन के सटीक ईलाज के लिए किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श भी जरूर लें।

कान के पर्दे को ठीक करने का उपाय क्या है ?

कान के परदे में किसी भी तरह की समस्या आने पर समस्या के अनुसार दवाइयों के सेवन से इसे ठीक किया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्टर के कहने पर और संक्रमण अधिक हो जाने पर इसके उपचार के लिए सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है।

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डिस्क्लेमर: यह सामग्री सलाह सहित केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए लिखी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें

 

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