X-Ray Ke Nuksan | क्या बार-बार एक्स-रे कराना आपके लिए हो सकता है घातक, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

मेडिकल ट्रीटमेंट में एक्स-रे (X-Ray) एक ऐसी जांच है, जिसके बारे में हम बचपन से ही जानते हैं। जब भी हमारे शरीर में ऐसी कोई समस्या होती है, जो बाहर से नजर नहीं आती है, तब डॉक्टर द्वारा एक्स-रे टेस्ट (X-Ray test) करवाया जाता है। सामान्य तौर पर हड्डियों, फेफड़ों, छाती, रीढ़ की हड्डी, दांतों में परेशानी या शरीर में कहीं और कोई दिक्कत होने पर एक्स-रे किया जाता है। जिसमें इमेज के द्वारा समस्या का पता चलता है और उसके अनुसार इलाज किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं एक्स-रे एक तरफ जहां हमारे ट्रीटमेंट में हेल्प करता है। वहीं X-Ray Ke Nuksan के नुकसान भी हैं और कई बार यह हमारी सेहत के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है। आइए कानपुर के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मयंक गुप्ता से विस्तार से जानते हैं एक्स-रे से जुड़ी वो सभी जरूरी बातें जो हमारी सेहत से भी जुड़ी हुई हैं।

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एक्स-रे क्या है- X-Ray Kya Hai

एक्स-रे, इसे हम रेडियोग्राफ़ भी कहते हैं। यह एक प्रकार की मेडिकल इमेजिंग (रेडियोलॉजी) जांच है, जो शरीर के अंदर किसी समस्या का पता लगाने और उसका समाधान ढूंढने के लिए की जाती है। यह मशीन के जरिए की जाने वाली प्रक्रिया है। जिसमें हमारी हड्डियों या अन्य किसी अंग की एक ईमेज बनकर सामने आती है। इस ईमेज को बनाने के लिए मशीन द्वारा रेडिएशन का उपयोग किया जाता है। कई बार एक्स-रे के दौरान बेहतर ईमेज के लिए आयोडीन या गैडोलीनियम जैसे कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है। डॉक्टरों के लिए आपकी समस्या को जानने और उसके मूल्यांकन करने के लिए एक्स-रे एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। जिसे करवाने के लिए खास तैयारी की भी जरूरत नहीं होती है। सामान्य रूप से आप जैसी स्थिति में हैं उसी स्थिति में एक्स-रे कर दिया जाता है।

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एक्स-रे के प्रकार-Type of X-ray

• सादा रेडियोग्राफी- ये एक सामान्य एक्स-रे होता है।
• कंप्यूटेड टोमोग्राफी- इसे हम सीटी स्कैनिंग कहते हैं।
• फ्लोरोस्कोपी- इसमें किसी अंग की चलती हुई ईमेज बनती है।
• मैमोग्राफी- इसमें स्तनों का एक्स-रे होता है।
• एंजियोग्राफी- इसमें रक्त वाहिकाओं का एक्स-रे होता है।
• बोन डेंसिटी स्कैन- इसमें आपकी हड्डी का एक्स-रे किया जाता है।

एक्स-रे से होने वाले नुकसान – X-Ray Ke Nuksan

एक्स-रे टेस्ट इमेजिंग के सबसे पुराने और आम तरीकों में शामिल है। यह हमारे इलाज के लिए जितना जरूरी है, उतना ही कुछ परिस्थितियों में घातक हो सकता है।

गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक है एक्स-रे 

गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए एक्स-रे खतरनाक हो सकता है। दरअसल एक्स-रे के रेडिएशन में आने से पैदा होने वाला बच्चे को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं का एक्स-रे नहीं किया जाता है। एक्स-रे की जगह डॉक्टर अल्ट्रासाउंड जैसे किसी दूसरे इमेजिंग टेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप गर्भवती हैं या आपको लगता कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो एक्स-रे करवाने से पहले अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।

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कैंसर होने का खतरा भी बढ़ाता है एक्स-रे 

बार-बार एक्स-रे कराना आपके लिए घातक हो सकता है। एक्स-रे से निकलने वाले रेडिएशन से आपको कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा तक बढ़ जाता है। इसका एक उदहारण Clarence dally हैं, इन्होंने थॉमस एडीसन के साथ एक्स-रे लाइट बल्ब पर काम किया था और इनकी मौत की वजह एक्स-रे से होने वाले कैंसर को माना जाता है। बता दें कि कुछ एक्स-रे, जैसे कि सीटी स्कैनिंग और एंजियोग्राफी में सादा एक्स-रे की तुलना में रेडिएशन का ज्यादा यूज होता है।

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एक्स-रे बच्चों को पहुंचाता है ज्यादा नुकसान 

रेडिएशन के प्रति संवेदनशीलता हमारी उम्र पर निर्भर करती है वयस्कों की तुलना में बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में बार-बार बच्चों का एक्स-रे करवाना नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसी वजह से कोशिश करनी चाहिए की बहुत जरूरत होने पर ही एक्स-रे कराया जाए।

गंभीर प्रकृति की जन्मजात विकृतियां भी हो सकती हैं 

बच्चा गर्भ में हो और अगर उस बीच गर्भवती महिला का बार-बार एक्स-रे करवाया जाता है तो ऐसे में महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को गंभीर प्रकृति की जन्मजात विकृतियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान बच्चे को खासतौर पर हार्ट डिफेक्ट्स या अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

एक्स-रे की आवश्यकता कब होती है- When X-ray Required

  1. हड्डी की स्थितियां- हड्डियों का टूटना, अव्यवस्थित होना, संक्रमण होना, गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस होना आद।
  2. फेफड़ों की स्थिती- निमोनिया और फेफड़े का सिकुड़ना जानने के लिए।
  3. कंजेस्टिव हार्ट फेलियर और रक्त वाहिका संबंधी समस्याएं।
  4. फेफड़ों का कैंसर, हड्डियों का कैंसर और स्तन कैंसर।
  5. आंत में रुकावट और दांतों में सड़न।
  6. गलती से बच्चे के कोई वस्तु निगल जाने पर।   

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जानिए कैसे नुकसान पहुंचाता है एक्स-रे- Why X-ray is dangerous

एक्स-रे मशीन इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालती है। यह इलेक्ट्रॉन हमारे शरीर के टिशूज के संपर्क में आकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही यह इलेक्ट्रॉन हमारे डीएनए की चेन को तोड़ सकते हैं, जिससे थोड़ा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, सामान्य तौर पर एक्स-रे ज्यादा खतरनाक नहीं होता है, लेकिन फिर भी सिर्फ जरुरत पर ही एक्स-रे करवाना चाहिए।
हालांकि अमेरिकी पत्रिका ‘क्लीनिकल ऑन्कोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक एक्स-रे और सीटी स्कैन से कैंसर का खतरा नहीं होता है। इस स्टडी में कम मात्रा में रेडिएशन से कैंसर के खतरे के बारे में जानने के लिए लीनियर नो-थ्रेसहोल्ड (LNT) मॉडल का इस्तेमाल किया गया। जिसमें सामने आया कि रेडिएशन की कम मात्रा भी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है, लेकिन हमारे शरीर में कई प्रकार की योग्यता होती हैं, जो रेडिएशन से होने वाले नुकसान को खुद सुधार लेती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मशीन में एक्स-रे कैसे उत्पन्न किया जाता है?

एक्स-रे मशीन में रेडियोधर्मी पदार्थ पर कैथोड किरणें डालकर एक्स-रे उत्पन्न किया जाता है। जब तेजी से कैथोड किरणें रेडियोधर्मी पदार्थ पर पड़ती हैं, तब इलेक्ट्रॉन और ऊर्जा का उत्सर्जन होता है, जिसका यूज एक्स-रे मशीन में होता है।

किस अंग के लिए एक्स-रे के ज्यादा एक्सपोजर की आवश्यकता होती है?

रीढ़ की हड्डी को एक्स-रे के सबसे ज्यादा एक्सपोज़र की आवश्यकता होती है। अच्छी एक्स-रे ईमेजिंग के लिए इसमें लगभग 0.20 सेकंड का समय लगता है।

ऐसी कौन सी वैकल्पिक जांचें हैं जिनमें एक्स-रे या रेडियोधर्मिता का यूज नहीं होता?

अल्ट्रासाउंड और एमआरआई में एक्स-रे या रेडियोधर्मिता का यूज नहीं होता है। अल्ट्रासाउंड, श्रोणि और पेट की जांच के लिए अच्छा होता है, खासकर गर्भावस्था के दौरान। वहीं, आजकल सिर, रीढ़ और जोड़ों को स्कैन करने के लिए एमआरआई यूज बढ़ रहा है।

डिस्क्लेमर- यह सामग्री एक्सपर्ट की हेल्प से केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हो सकता है। 

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