Pitt badhe par gahrelu upchaar 

Pitt badhe par gahrelu upchaar 

इलायची पित्त दोष से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए ठंडे मसाले की तरह कार्य करती है, यह लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाती है

इलायची पित्त दोष से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए ठंडे मसाले की तरह कार्य करती है, यह लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाती है 

पित्त दोष को कम करने के लिए शरीर को ठंडक देने वाली कच्ची सब्जियां जैसे खीरा, मूली, चुकंदर, गाजर, ब्रोकली खाएं ।

पित्त दोष को कम करने के लिए शरीर को ठंडक देने वाली कच्ची सब्जियां जैसे खीरा, मूली, चुकंदर, गाजर, ब्रोकली खाएं ।

त्रिफला के सेवन से आंतों से पित्त रस निकलता है, जो पेट को उत्तेजित करता है और अपच की समस्या को दूर करता है।

त्रिफला के सेवन से आंतों से पित्त रस निकलता है, जो पेट को उत्तेजित करता है और अपच की समस्या को दूर करता है। 

ऐसे व्यक्ति जो बढ़े हुए पित्त दोष के कारण ऑर्थराइटिस, हेपिटाईटिस  की समस्या से परेशान हैं उनके लिए केसर बहुत लाभकारी है।

ऐसे व्यक्ति जो बढ़े हुए पित्त दोष के कारण ऑर्थराइटिस, हेपिटाईटिस  की समस्या से परेशान हैं उनके लिए केसर बहुत लाभकारी है।  

 पित्त को शांत करने में घी, मक्‍खन और दूध लाभकारी होते हैं। लहसुन के छोटे-छोटे टुकड़े करके इसे घी से फ्राई करके इस्तेमाल में लाएं।

 पित्त को शांत करने में घी, मक्‍खन और दूध लाभकारी होते हैं। लहसुन के छोटे-छोटे टुकड़े करके इसे घी से फ्राई करके इस्तेमाल में लाएं।

पित्त दोष को कम करना चाहते हैं तो ड्राई फ्रूट्स खाने से बचें। दरअसल सूखे मेवे की तासीर गरम होती है, इसलिए इन्हें नहीं खाना चाहिए।

पित्त दोष को कम करना चाहते हैं तो ड्राई फ्रूट्स खाने से बचें। दरअसल सूखे मेवे की तासीर गरम होती है, इसलिए इन्हें नहीं खाना चाहिए।

पित्त को संतुलित करने का सबसे अच्‍छा तरीका मेडिटेशन या ध्‍यान भी है। योग से भी पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है।

पित्त को संतुलित करने का सबसे अच्‍छा तरीका मेडिटेशन या ध्‍यान भी है। योग से भी पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है। 

नारियल पित्त को शांत करने का काम करता है। इसके अंदर वसा,पोटैशियम और ज़रूरी इलेक्ट्रोलाइट होते हैं।

नारियल पित्त को शांत करने का काम करता है। इसके अंदर वसा,पोटैशियम और ज़रूरी इलेक्ट्रोलाइट होते हैं।

अलसी के बीज की तासीर ठंडी होती है। इसी वजह से अलसी के बीज पित्त दोष को कम करने का काम करते हैं।

अलसी के बीज की तासीर ठंडी होती है। इसी वजह से अलसी के बीज पित्त दोष को कम करने का काम करते हैं।

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