लेमनग्रास की चाय के रोजाना सेवन से पाचन तंत्र मजबूत बनता है। लेमनग्रास की चाय उल्टी, दस्त और पेट दर्द की दिक्कत भी दूर करती है।
लेमनग्रास की चाय के रोजाना सेवन से पाचन तंत्र मजबूत बनता है। लेमनग्रास की चाय उल्टी, दस्त और पेट दर्द की दिक्कत भी दूर करती है।
लेमन ग्रास एक डिटॉक्स ड्रिंक का भी काम करता है। जिससे किडनी को भी कई तरह के फायदे पहुंचते हैं। यह शरीर से क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।
लेमन ग्रास एक डिटॉक्स ड्रिंक का भी काम करता है। जिससे किडनी को भी कई तरह के फायदे पहुंचते हैं। यह शरीर से क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।
लेमनग्रास की चाय अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में कारगर साबित होती है। यह एंग्जायटी और डिप्रेशन को भी दूर करने में मदद करती है।
लेमनग्रास की चाय अनिद्रा की शिकायत को दूर करने में कारगर साबित होती है। यह एंग्जायटी और डिप्रेशन को भी दूर करने में मदद करती है।
लेमनग्रास विटामिन ए, सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और मैगनीज़ जैसे पोषक तत्वों को खुद में समेटे है।
लेमनग्रास विटामिन ए, सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और मैगनीज़ जैसे पोषक तत्वों को खुद में समेटे है।
लेमनग्रास का अर्क कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। कोलोन कैंसर से पीड़ित चूहों पर लेमनग्रास से जुड़ी रिसर्च करने पर खुलासा हुआ।
लेमनग्रास का अर्क कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। कोलोन कैंसर से पीड़ित चूहों पर लेमनग्रास से जुड़ी रिसर्च करने पर खुलासा हुआ।
लेमनग्रास में क्लोरोजेनिक एसिड और आइसोरिएंटिन जैसे कुछ ऐसे रसायन भी होते हैं जो शरीर की सूजन कम करके तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।
लेमनग्रास में क्लोरोजेनिक एसिड और आइसोरिएंटिन जैसे कुछ ऐसे रसायन भी होते हैं जो शरीर की सूजन कम करके तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।
वजन को तेजी से घटाने के लिए आप लेमनग्रास की चाय में शहद मिलाकर पी सकते हैं। साथ ही नींबू का रस या सेंधा नमक भी मिलाया जा सकता है।
वजन को तेजी से घटाने के लिए आप लेमनग्रास की चाय में शहद मिलाकर पी सकते हैं। साथ ही नींबू का रस या सेंधा नमक भी मिलाया जा सकता है।
लेमनग्रास को सिट्रोनेला, चाइना घास, भारतीय लेमन घास, मालाबार घास और कोचीन घास के नाम से भी पहचाना जाता है।
लेमनग्रास को सिट्रोनेला, चाइना घास, भारतीय लेमन घास, मालाबार घास और कोचीन घास के नाम से भी पहचाना जाता है।